It used to be Tatas and Birlas in the loose political rhetoric of the 1970s and the 1980s. Today, it is Adani and Ambani in the heated Lok Sabha election campaign.
About 300 employees had called in sick Wednesday, allegedly in protest against mismanagement of airlines. Remaining staff given ultimatum to rejoin work by end of Thursday.
Chiman Singh, injured in 1971 India-Pakistan war, was discharged as non-pensioner in 1972. In his petition, he states denial of pension is contrary to settled law.
Even in the weeks leading up to Chamkila’s assassination there were massacres every other day. To airbrush all of this is sheer intellectual cowardice if not a crime.
“चालाकी” योगेन्द्र यादव जी का बड़ा हथियार है,किस चालाकी से वे लिख गये कि बंटवारे के समय अब के बंगलादेश में 24% हिन्दू आबादी थी जो 9% रह गये वे कहाँ चले गये यह रहस्य नही है,उनका सीधा इशारा वे असम और बंगाल में घुस गये,ठीक है यादव जी अब आप यह भी बता दीजिये आज के पाकिस्तान में आजादी के समय 24%हिन्दू थे और वे आज 2%रह गये,ये कहाँ चले गये ???? क्या इन्होने भी पंजाब में घुसपैठ कर ली या इनको पाकिस्तान में मार डाला गया ! दूसरी चालाकी योगेन्द्र जी यह मान रहे कि असम में घुसपैठ से मूल निवासी अल्पमत में रह गये और यह गलत हुआ लेकिन इसमें कांग्रेस को दोषी नही मान रहे, कांग्रेस क्यूँ दोषी नही है जबकि उसने राज्य में उसने सबसे ज्यादा राज किया,क्या कोई सेटिंग हो गयी है कांग्रेस से ??? तीसरी बात जिस कांग्रेस ने अपने वोट को बढ़ाने के लिए असम और बंगाल में बंगलादेसियों की घुसपैठ करायी वह तो सांप्रदायिक नही हुई लेकिन जो बीजेपी सुप्रीमकोर्ट के आदेशों का पालन कर रही है वह साम्प्रदायिक हो गयी ! एक और बात जो नागरिकता में आप हिन्दू फैक्टर को खतरनाक बता रहे हैं जरा ये बताने की जहमत उठाएंगे कि आज जो हिन्दू पाकिस्तान और बंगलादेश में मारे जा रहे हैं वे किस देश में जायेंगे,देश का विभाजन उनके कहने से तो नही हुआ फिर वे इस नरसंहार को क्यूँ भुगतें !यादव जी राजनीती एक चीज है और मानवता एक चीज ! जब आप कॉलम लिखते हैं तो एक बुद्धिजीवी के रूप में लिखें,एक नेता के रूप में नहीं !
“चालाकी” योगेन्द्र यादव जी का बड़ा हथियार है,किस चालाकी से वे लिख गये कि बंटवारे के समय अब के बंगलादेश में 24% हिन्दू आबादी थी जो 9% रह गये वे कहाँ चले गये यह रहस्य नही है,उनका सीधा इशारा वे असम और बंगाल में घुस गये,ठीक है यादव जी अब आप यह भी बता दीजिये आज के पाकिस्तान में आजादी के समय 24%हिन्दू थे और वे आज 2%रह गये,ये कहाँ चले गये ???? क्या इन्होने भी पंजाब में घुसपैठ कर ली या इनको पाकिस्तान में मार डाला गया ! दूसरी चालाकी योगेन्द्र जी यह मान रहे कि असम में घुसपैठ से मूल निवासी अल्पमत में रह गये और यह गलत हुआ लेकिन इसमें कांग्रेस को दोषी नही मान रहे, कांग्रेस क्यूँ दोषी नही है जबकि उसने राज्य में उसने सबसे ज्यादा राज किया,क्या कोई सेटिंग हो गयी है कांग्रेस से ??? तीसरी बात जिस कांग्रेस ने अपने वोट को बढ़ाने के लिए असम और बंगाल में बंगलादेसियों की घुसपैठ करायी वह तो सांप्रदायिक नही हुई लेकिन जो बीजेपी सुप्रीमकोर्ट के आदेशों का पालन कर रही है वह साम्प्रदायिक हो गयी ! एक और बात जो नागरिकता में आप हिन्दू फैक्टर को खतरनाक बता रहे हैं जरा ये बताने की जहमत उठाएंगे कि आज जो हिन्दू पाकिस्तान और बंगलादेश में मारे जा रहे हैं वे किस देश में जायेंगे,देश का विभाजन उनके कहने से तो नही हुआ फिर वे इस नरसंहार को क्यूँ भुगतें !यादव जी राजनीती एक चीज है और मानवता एक चीज ! जब आप कॉलम लिखते हैं तो एक बुद्धिजीवी के रूप में लिखें,एक नेता के रूप में नहीं !