From 2 lakh weekly visitors to Rs 250 crore annual donations, Khatu Shyam temple in Rajasthan's Sikar draws massive crowds and investment, with govt pumping Rs 350+ crore into infrastructure.
Tanisha has won five medals including three gold, one silver, and one bronze from national to state-level championships. Her hesitation has vanished and she now lives with pride.
For decades, Kota coaching institutes were the ‘gold standard’ for competitive exam preparation. Now Sikar, the city known for its havelis, forts, and the Khatu Shyam temple, is emerging as Rajasthan's Coaching Nagri or Shiksha ki Kashi.
India’s industrial output growth saw a 10-month low in June, with Index of Industrial Production (IIP) growing by mere 1.5% as against 1.9% in May 2025.
Standing up to America is usually not a personal risk for a leader in India. Any suggestions of foreign pressure unites India behind who they see as leading them in that fight.
भारत में मंदिर ज्ञान का केंद्र होने चाहिए न की अंधश्रद्धा का।मंदिर लोगो को आत्मज्ञान की तरफ प्रेरित करने चाहिए।ये सब चीजें धर्म के नाम पर की जा रही है जब की ये अहंकार को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है।धर्म के नाम पर अधर्म का प्रचार हो रहा है।ये सब चीजें अशिक्षित समाज में ही चल सकती है।नेता लोग इस प्रकार की चीजों को बढ़ावा देते है और पैसा भी खूब देते है।क्योंकि लोगों को जितना मूर्ख रखा जाएगा इन नेताओ का फायदा होगा।अशिक्षित लोगों पर शासन करना आसान होता है।इसीलिए ये नेता लोग शिक्षा को लचर अवस्था में रखते है।धर्मगुरुओं का भी फायदा इसी में है की शिक्षा को लचर रखा जाए।वास्तव में ये लोग अधर्मगुरु है।इतना पैसा लोगों को शिक्षित करने में लगाया जाए। लोगों को वेदांत की शिक्षा दी जाए।लोगों को संत साहित्य,श्रीमदभगवद्गीता,उपनिषद पढ़ाए जाए।वेदांत पढ़ने के बाद ये मूर्खताएं अपनेआप बंद हो जाएगी।
भारत में मंदिर ज्ञान का केंद्र होने चाहिए न की अंधश्रद्धा का।मंदिर लोगो को आत्मज्ञान की तरफ प्रेरित करने चाहिए।ये सब चीजें धर्म के नाम पर की जा रही है जब की ये अहंकार को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है।धर्म के नाम पर अधर्म का प्रचार हो रहा है।ये सब चीजें अशिक्षित समाज में ही चल सकती है।नेता लोग इस प्रकार की चीजों को बढ़ावा देते है और पैसा भी खूब देते है।क्योंकि लोगों को जितना मूर्ख रखा जाएगा इन नेताओ का फायदा होगा।अशिक्षित लोगों पर शासन करना आसान होता है।इसीलिए ये नेता लोग शिक्षा को लचर अवस्था में रखते है।धर्मगुरुओं का भी फायदा इसी में है की शिक्षा को लचर रखा जाए।वास्तव में ये लोग अधर्मगुरु है।इतना पैसा लोगों को शिक्षित करने में लगाया जाए। लोगों को वेदांत की शिक्षा दी जाए।लोगों को संत साहित्य,श्रीमदभगवद्गीता,उपनिषद पढ़ाए जाए।वेदांत पढ़ने के बाद ये मूर्खताएं अपनेआप बंद हो जाएगी।