पिछले कुछ समय से सांगठनिक पुनर्गठन का काम विचार में था, लेकिन हिमाचल और गुजरात के चुनाव की वजह से हुई देरी. अब अमित शाह देंगे इसको अंजाम.
नयी दिल्लीः हिंदू कैलेंडर में पवित्र माने जानी वाली मकर संक्रांति को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में बड़ी फेरबदल कर सकते हैं.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि राज्यों की इकाई और मोर्चे में जनवरी के मध्य तक परिवर्तन होगा, ताकि 2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारी में जुटा जा सके.
भाजपा की मुख्य टीम में भी बदलाव दिख सकता है, क्योंकि कई नेताओं को या तो नयी भूमिका दी जाएगी या वे प्रतिस्थापित होंगे.
सूत्रों ने दावा किया कि कुछ राज्यों में पार्टी और मोर्चों के अध्यक्ष की बहाली की जा सकती है. यह पुनर्गठन पिछले कुछ समय से विचार में था, लेकिन हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव की वजह से अमल में नहीं आ सके.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक ये बदलाव पहले इसलिए नहीं किए गए कि कुछ नेता बुरा मान सकते हैं और उस वजह से एक साथ इतने मोर्चे खुल जाएंगे कि अमित शाह को उनमें भी लगना पड़ेगा। प्रतिष्ठा गुजरात चुनाव पर थी, इसलिए इसे टाला गया.
एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने दावा किया कि शाह अपने विश्वस्तों की कोर टीम बनाएंगे और उन्हें सांगठनिक भूमिका देंगे. इससे उनको कई राज्य इकाइयों पर अगले आम-चुनाव से पहले पकड़ बनाने में आसानी होगी.
वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘योजना केवल विधानसभा चुनाव लड़ने की नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करने की है कि पार्टी अगले आम-चुनाव में आराम से बहुमत पा जाए। शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरी ऊर्जा आम चुनाव पर लगी है’.
इस वर्ष कर्नाटक, त्रिपुरा, मेघालय, मिज़ोरम, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव होने हैं.
एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक अगले आम चुनाव के लिए संगठनात्मक तैयारी का पहला चरण नेताओं के फेरबदल से है. विधानसभा चुनाव के साथ ही, राज्य़ इकाइयों को अगले साल लोकसभा चुनाव के लिए भी तैयार होना पड़ेगा.