भगोड़े आर्म्स डीलर संजय भंडारी की कंपनी के साथ सभी समझौते रद्द
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भगोड़े आर्म्स डीलर संजय भंडारी की कंपनी के साथ सभी समझौते रद्द

ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशंस को मई में कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद अब 6 महीने का बैन झेलना होगा. कंपनी की जांच सीबीआई पिलैटस एयरक्राफ्ट समझौते में कर रही है.

   
Sanjay Bhandari

Sanjay Bhandari | Youtube screengrab

ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशंस को मई में कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद अब 6 महीने का बैन झेलना होगा. कंपनी की जांच सीबीआई पिलैटस एयरक्राफ्ट समझौते में कर रही है.

नयी दिल्लीः रक्षा मंत्रालय ने भगोड़े आर्म्स डीलर संजय भंडारी की कंपनी ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशंस (ओआइएस) के साथ सभी तरह के व्यापारिक समझौते रद्द कर दिए हैं. कंपनी की जांच सीबीआई उसके कथित घोटाले को लेकर कर रही है, जो उन्होंने एक स्विस विमान पिलैटस पीसी-7 के चुनाव में की, जिसे भारतीय वायुसेना के लिए बेसिक ट्रेनर की जरूरत पूरी करने चुना गया था.

भंडारी की राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा से नजदीकी के चर्चे हैं.

शुक्रवार को दिए आदेश में, मंत्रालय ने अपने सभी विभागों और इकाइयों को ओआइएस से किसी भी तरह का समझौता छह महीने के लिए रद्द करने को कहा है. कंपनी भारत में कई बडी वैश्विक रक्षा कंपनियों के लिए ऑफसेट कांट्रैक्ट पूरा कर रही है.

ओआइएस के मुख्य प्रमोटर भंडारी को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मुकद्दमा दर्ज किया, जब उनके घर पर कुछ गोपनीय दस्तावेज पाए गए. हालांकि, भंडारी जांच को चकमा देकर 2016 में लंडन में पनाह ले ली.

रक्षा मंत्रालय के आदेश में कहा गया है, “व्यापारिक समझौतों में दंड के दिशानिर्देश और इस बात के मद्देनज़र कि ओआइएस के गैर-कानूनी और अनुचित साधनों के इस्तेमाल की सीबीआई और दिल्ली पुलिस भ्रष्ट व्यवहार के मामलों में जांच कर रही है, सक्षम अधिकारी ने यह फैसला किया है कि ऑफसेट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और इसकी समूह कंपनियों के साथ किसी भी तरह का व्यापार छह महीने के लिए (इस आदेश के निर्गमन की तिथि से) या अगले आदेश तक, इनमें जो भी पहले हो, रद्द रहेगा”.

मामले का इतिहास

भंडारी के लिए मुश्किलें मई 2016 में बढ़ी, जब उनके घर और कार्यालय पर आयकर विभाग का छापा पड़ा. छापे के दौरान कई गोपनीय दस्तावेज भी वहां से बरामद हुए, जिसके बाद उस पर कठोर ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत कार्रवाई हुई.

2016 के अंत तक हालांकि भंडारी लंडन भागने में सफल रहें, लेकिन सीबीआई ने भंडारी और उसके पार्टनर बिमल सरीन के खिलाफ एक औऱ प्राथमिक जांच शुरू की, जिसमें बेसिक ट्रेनर के लिए पिलैटर पीसी-7 के चयन को प्रभावित करने का आरोप था. इस कांट्रैक्ट के लिए एक पूर्व वायुसेना प्रमुख तक भी जांच की तपिश पहुंच रही है.

मई 2017 में ओआइएस को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा गया था कि उसके या उसकी सहयोगी कंपनियों के साथ सारे व्यापारिक समझौते रद्द या बंद क्यों न कर दिए जाएं? कंपनी का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया, जिसके बाद उस पर बैन लगा दिया गया.