The adverse reaction to the introduction of the kurta-pyjama lies not so much in the dress itself but in the interpretation of this particular action by veterans and civil society.
Armani built a multibillion-dollar global brand from something as simple as an unstructured jacket, and broke down the walls between formal and casual.
From Munir’s point of view, a few bumps here and there is par for the course. He isn’t going to drive his dumper truck to its doom. He wants to use it as a weapon.
General Menon, please don’t fire from anonymous veteran shoulders and have the conviction to own your opinion. From the symbol of absolute Barbarism and hence, strictly prohibited, these dresses have been rehabilitated as options and that’s great for Service. And that’s what I think!
जिनको पहन के हम गुलाम हुए,
काहे दुबारा अपनाए!
को पोशाक पहनके ड्यूटी भी कर सकें,
और दुनियां के किसी भी सभा में बैठ सकें!
एकतंत्र जब जनता पर हावी हो जाता है,
तानाशाह सलाह से
अवरुद्ध हो जाता है।
तब शक्ति के नशे में से चूर शासक अपनी मानी करना शान समझता है,
वह फिर लोगों को छोड़ो, अपनी अंतरात्मा को भी नहीं सुनना है।
उसको खुशी मिलती है जब सलाहकार हां में हां भरते हैं, तब भी जब शासक के निर्णय गलत होते हैं।।
§ मैं अटल, नरेंद्र और कमल तीनों का अधीर अटूट प्रशंसक हूं फिर भी, कुछेक कायदे और निर्णय मुझे रास नहीं आते हैं। उन सबका अटूट प्रशंसक हूं, इसी लिए मैं ए सब कहता हूं।
§ यदि भारत कोविश्वगुरु बनना है तो हमें उनमें घुल मिल जाना पड़ेगा, उनके जैसे चाल ढाल, रहन सहन, खान पान, उन सबकी भाषाओं और कार्य पद्धतियों को भी अपनाना पड़ेगा,
ताकि वे हमें अपना समझें और हम उन्हें अपना बना सकें।।
बिजली, रेल मोटर गाड़ी, हवाई व समुद्री जहाज़ भी गोरों ने हमें दिया, क्या ए भी हम नए बनाएंगे? हमारे फ़ौज का गठन भी गोरों ने किए, क्या उनका भी हम दुबारा सृजन करेंगे? गोल्फ और क्रिकेट के खेल भी ब्रिटिश राज की देन हैं, क्या हम गोल्फ और क्रिकेट खेलना बंद कर सकते हैं?
हादसा के पात्र मिटाने योग्य हैं परंतु
देश निर्माण के चिन्ह प्रेरणा योग्य हैं, वे जरूर बचे रहने चाहिए।
General Menon, please don’t fire from anonymous veteran shoulders and have the conviction to own your opinion. From the symbol of absolute Barbarism and hence, strictly prohibited, these dresses have been rehabilitated as options and that’s great for Service. And that’s what I think!
जिनको पहन के हम गुलाम हुए,
काहे दुबारा अपनाए!
को पोशाक पहनके ड्यूटी भी कर सकें,
और दुनियां के किसी भी सभा में बैठ सकें!
एकतंत्र जब जनता पर हावी हो जाता है,
तानाशाह सलाह से
अवरुद्ध हो जाता है।
तब शक्ति के नशे में से चूर शासक अपनी मानी करना शान समझता है,
वह फिर लोगों को छोड़ो, अपनी अंतरात्मा को भी नहीं सुनना है।
उसको खुशी मिलती है जब सलाहकार हां में हां भरते हैं, तब भी जब शासक के निर्णय गलत होते हैं।।
§ मैं अटल, नरेंद्र और कमल तीनों का अधीर अटूट प्रशंसक हूं फिर भी, कुछेक कायदे और निर्णय मुझे रास नहीं आते हैं। उन सबका अटूट प्रशंसक हूं, इसी लिए मैं ए सब कहता हूं।
§ यदि भारत कोविश्वगुरु बनना है तो हमें उनमें घुल मिल जाना पड़ेगा, उनके जैसे चाल ढाल, रहन सहन, खान पान, उन सबकी भाषाओं और कार्य पद्धतियों को भी अपनाना पड़ेगा,
ताकि वे हमें अपना समझें और हम उन्हें अपना बना सकें।।
बिजली, रेल मोटर गाड़ी, हवाई व समुद्री जहाज़ भी गोरों ने हमें दिया, क्या ए भी हम नए बनाएंगे? हमारे फ़ौज का गठन भी गोरों ने किए, क्या उनका भी हम दुबारा सृजन करेंगे? गोल्फ और क्रिकेट के खेल भी ब्रिटिश राज की देन हैं, क्या हम गोल्फ और क्रिकेट खेलना बंद कर सकते हैं?
हादसा के पात्र मिटाने योग्य हैं परंतु
देश निर्माण के चिन्ह प्रेरणा योग्य हैं, वे जरूर बचे रहने चाहिए।
_कृभुवन_
All countries have their traditional dresses and they wear them only on special occasions. They don’t wear them everday at work or home.