भाजपा के पास त्रिपुरा के लिए एक छिपा हुआ हुकुम का इक्का हैः योगी आदित्यनाथ
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भाजपा के पास त्रिपुरा के लिए एक छिपा हुआ हुकुम का इक्का हैः योगी आदित्यनाथ

त्रिपुरा में उन बंगालियों की खासी संख्या है जो नाथ संप्रदाय से हैं. भाजपा को लगता है आदित्यनाथ, जो स्वयं नाथ सम्प्रदाय से हैं, हिंदू वोटों को एक कर पाएंगे.

   
आदित्यनाथ

लखनऊ में आदित्यनाथ/ सुभांकर चक्रबर्ती हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा गैटी इमेज

त्रिपुरा में उन बंगालियों की खासी संख्या है जो नाथ संप्रदाय से हैं. भाजपा को लगता है आदित्यनाथ, जो स्वयं नाथ सम्प्रदाय से हैं, हिंदू वोटों को एक कर पाएंगे.

नयी दिल्लीः त्रिपुरा का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संबंध है, यह बहुत कम लोग जानते हैं. हालांकि, यह संबंध इतना अहम है कि जब अगले साल वहां चुनाव होंगे, वह भाजपा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद सबसे बड़े प्रचारक बन सकते हैं.

भाजपा के त्रिपुरा प्रभारी सुनील देवधर ने कहा कि राज्य में खासी संख्या में हिंदू बंगाली रहते हैं, जो योगी आदित्यनाथ के संप्रदाय नाथ संप्रदाय से हैं और शैव हैं.

उ.प्र. के मुख्यमंत्री के सहारे भाजपा बंगाली नाथों को राज्य में लुभाने का सोच रही है. नाथों को केंद्र की सूची में अति पिछड़ा वर्ग में चिह्नित किया गया है, लेकिन त्रिपुरा में वे सामान्य वर्गे के माने जाते हैं. देवधर ने दिप्रिंट को बताया, ‘त्रिपुरा में 35 फीसदी बंगाली नाथ संप्रदाय के हैं. उनमें से अधिकतर बंगाल से आए हैं, जब वहां उन पर अत्याचार होने लगे’.

पार्टी के नेता मानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के बाद- जो अगले महीने राज्य में प्रचार करनेवाले हैं- आदित्यनाथ ही भीड़ खींचने में कामयाब हो पाएंगे.

भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक अगर योगी का जादू चलता है तो यह पार्टी के लिए बेहद फायदेमंद होगा. वरिष्ठ नेता मानते हैं कि योगी का प्रचार हिंदू वोटों को एक कर सकता है.

एक तरफ जहां उ.प्र. के मुख्यंत्री फिलहाल सबकी पसंद बने हुए हैं, भाजपा भी वाम मोर्चा सरकार पर दबाव बनाए हुए है. पड़ोसी राज्यों और केंद्र से लगभग 50 मंत्री अब तक राज्य का भ्रमण कर चुके हैं.

उनमें से अधिकांश ने केंद्र की योजनाओं के बारे में बात की है, जो अभी तक त्रिपुरा के लोगों तक नहीं पहुंची है. ऐसा सूत्रों ने बताया.

भाजपा राज्य में अपना प्रचार बुधवार को एक पदयात्रा और रैली से शुरू करेगी. असम और मणिपुर के लगभग 30 विधायक और मंत्री इसमें हिस्सा लेंगे.

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 7 जनवरी को एक रैली को संबोधित करेंगे.