One of the best views from an Indian with knowledge and understanding. Very rare to see Balraj Sahni in this writer’s form indeed great and also a lesson provider for this generation of youth.
Shed some light on this incident in JNU, when Indira Gandhi herself lead attack there and Yechuri was beaten mercilessly.
कम ही लोग जानते हैं कि 1975 में इन्दिरा गाँधी खुद दिल्ली पुलिस को लेकर जे एन यू में घुस गई थी और उसके के जे एन यू के प्रेसिडेंट कम्युनिस्ट सीता राम येचुरी की जम कर धुनाई की और तब तक ठोकती रही जब
तक इसने लिखित में
माफी अपनें मुंह से पढ कर नहीं सुनाई और प्रधानी से त्याग पत्र भी देना पडा। आज तुम कम्युनिस्ट वो दिन भूल गये।सीता राम येचुरी वो दिन याद है कि भूल गए। और बंटी बबली तुम भी अपनी दादी के कारनामों का पता करलो।
आओ तुम्हें जे एन यू में पुलिस को साथ लेकर जाती तुम्हारी दादी के दर्शन कराता हूँ।
Lengthy One. But I think it tells us to value our culture, language/languages and come out of mental slavery. But JNU is still enslaved by its communist thinking,
One of the best views from an Indian with knowledge and understanding. Very rare to see Balraj Sahni in this writer’s form indeed great and also a lesson provider for this generation of youth.
Though we know him as one of the finest actors of India and a gentleman, by reading his speech felt like what we missed.
Power can be lost or taken back but no 1 can take it talents ,it’s inborn within u
Shed some light on this incident in JNU, when Indira Gandhi herself lead attack there and Yechuri was beaten mercilessly.
कम ही लोग जानते हैं कि 1975 में इन्दिरा गाँधी खुद दिल्ली पुलिस को लेकर जे एन यू में घुस गई थी और उसके के जे एन यू के प्रेसिडेंट कम्युनिस्ट सीता राम येचुरी की जम कर धुनाई की और तब तक ठोकती रही जब
तक इसने लिखित में
माफी अपनें मुंह से पढ कर नहीं सुनाई और प्रधानी से त्याग पत्र भी देना पडा। आज तुम कम्युनिस्ट वो दिन भूल गये।सीता राम येचुरी वो दिन याद है कि भूल गए। और बंटी बबली तुम भी अपनी दादी के कारनामों का पता करलो।
आओ तुम्हें जे एन यू में पुलिस को साथ लेकर जाती तुम्हारी दादी के दर्शन कराता हूँ।
Lengthy One. But I think it tells us to value our culture, language/languages and come out of mental slavery. But JNU is still enslaved by its communist thinking,
I am impressed by the wisdom of Balraj Sahani and every word he spoke seems so relevant although 50 yrs have passed. Very inspiring …
Apart from being a talented actor and a good human being, Balraj Sahni was an incredibly handsome man. Recall him in Waqt and Garam Hawa.